गहन चलो
काला पहन चलो मन चलो उजले कफन चलो। |
धंसती है लीक बहके कदम चलो रस्ते पे वे पटरी सहम चलो हँसते हैं गाल आँखों बहम चलो। |
ऊँची उनकी नाक
रस्ते नमन चलो
पूछे हैं वो
हाले कहन चलो
करनी है बात
जीभे कटन चलो
ना सुनें जो वो
चुपके निकल चलो।
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दूरी है क्या
पाथे बिखर चलो
देखे हैं वे
अन्धे !ठहर चलो
न तलवे जमीन
चप्पल पहन चलो।
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गोल गोल दिखते
नज़रें उठन चलो
सिकोड़ी जो नाक
नजरें झुकन चलो
पापी दिमाग
कोंचे बहम चलो।
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शरम का बहम
दिखता अहम चलो काला पहन चलो मनचलों ! |