मुंडेर पर अब कोई कबूतर नहीं

बन्द कर दिया लेटर बॉक्स का द्वार

तोड़ डाले सब मोबाइल,

मिटा दिए सब ई मेल पते…

ठहरे आँसू

टपके आज

तुम्हारे जाने के बाद …

बहुत दिनों के बाद।

बरसे आँसू

बहुत दिनों के बाद

मुंडेर धुली

बहुत दिनों के बाद।

18 thoughts on “मुंडेर पर अब कोई कबूतर नहीं

  1. ई मेल द्वारा टिप्पणी:लेटर बॉक्स , ईमेल पते , मोबाइल …और जो सन्देश इनके बिना ही पहुंचे ….दिल से दिल के तार बेतार जुड़े मन की काई सब मिट गयी जो मुंडेर धुले …

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